🌟 21वीं सदी के लिए ज़रूरी कौशल: आज पढ़ाई नहीं, जीवन के लिए तैयारी ज़रूरी है
- RKIS Team
- Apr 15
- 3 min read
आर.के. इंटरनेशनल स्कूल, नबाही, सरकाघाट की ओर से
"हमें बच्चों को अपनी नहीं, उनकी भविष्य की दुनिया के लिए तैयार करना है।"– RKIS Educational Philosophy
आज की दुनिया सिर्फ अंकों, रटाई और डिग्रियों से नहीं चलती। ज़रूरी यह है कि बच्चे सोच सकें, महसूस कर सकें, बदलावों को अपनाना जानें और तकनीक का सही उपयोग कर सकें। इसी सोच के साथ, आर.के. इंटरनेशनल स्कूल, नबाही अपने छात्रों को 21वीं सदी के ज़रूरी कौशलों से सुसज्जित कर रहा है।
🔹 1. नाज़ुक सोच और समस्या समाधान (Critical Thinking & Problem Solving)
क्या क्यों कैसे — ये सवाल पूछने की आदत डालनी होगी।
हम बच्चों को विभिन्न विषयों में केस स्टडी, open-ended सवाल और “सोचो और बताओ” जैसे एक्टिविटीज़ के ज़रिए सिखाते हैं कि हर समस्या का एक से ज़्यादा समाधान होता है।
🔧 अभिभावकों और शिक्षकों के लिए सुझाव:
बच्चों को कोई सवाल करने पर तुरंत जवाब न दें, बल्कि पूछें – "तुम्हें क्या लगता है?"
घरेलू या कक्षा की छोटी समस्याओं को बच्चों के साथ मिलकर हल करें।
Critical Thinking & Problem Solving
🔹 2. रचनात्मकता और नवाचार (Creativity & Innovation)
हर बच्चा किसी न किसी तरह से रचनात्मक होता है — हमें बस उस स्पार्क को पहचानना है।
हम बच्चों को वेस्ट मैटेरियल से मॉडल बनाना, स्क्रैच पर कोड करना और "If I were..." जैसी कल्पनात्मक रचनाएं करने का अवसर देते हैं।
🔧 घरेलू सुझाव:
बच्चों को DIY (Do It Yourself) प्रोजेक्ट्स में शामिल करें।
खाली समय में उन्हें कुछ नया बनाने या सोचने के लिए प्रेरित करें — कहानी, चित्र, कोई नया खेल आदि।

🔹 3. संचार और सहयोग (Communication & Collaboration)
सिर्फ बोलना नहीं, समझ के साथ बातचीत करना ज़रूरी है।
स्कूल में ग्रुप एक्टिविटीज़, रोल प्ले, प्रेजेंटेशन और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं से बच्चे टीमवर्क और प्रभावी संवाद सीखते हैं।
🔧 अभिभावकों के लिए सुझाव:
घर में भी बच्चों को निर्णयों में शामिल करें।
उन्हें अपने विचार खुले रूप से रखने का अवसर दें, और सहमत या असहमत होने की स्वस्थ आदत सिखाएं।
Communication & Collaboration
🔹 4. डिजिटल समझ (Digital Literacy)
मोबाइल चलाना और इंटरनेट समझना दो अलग बातें हैं।
स्कूल में स्मार्ट क्लास, डिजिटल टूल्स और कोडिंग के ज़रिए बच्चों को सुरक्षित और जिम्मेदार तकनीकी उपयोग की ट्रेनिंग दी जाती है।
🔧 कार्यवाही योग्य कदम:
घर में बच्चों के स्क्रीन टाइम को गाइड करें, निगरानी रखें।
उन्हें “गूगल से कैसे खोजें”, “फैक्ट चेक कैसे करें” जैसी बातें सिखाएं।
Digital Literacy
🔹 5. भावनात्मक समझ और सहानुभूति (Emotional Intelligence & Empathy)
बुद्धिमत्ता के साथ दिल की समझ होना आज की बड़ी ज़रूरत है।
हमारे स्कूल में 'Feelings Chart', जर्नलिंग, mindfulness और "किसी की जगह खुद को रखकर सोचो" जैसी गतिविधियाँ होती हैं।
🔧 अभिभावकों के लिए सुझाव:
बच्चे की भावनाओं को मान्यता दें — जैसे “मुझे पता है कि तुम अभी निराश हो।”
उन्हें दूसरों की मदद करने और उनके दृष्टिकोण को समझने के मौके दें।
Emotional Intelligence & Empathy
🔹 6. लचीलापन और आत्मबल (Adaptability & Resilience)
जीवन में हार-जीत होती रहती है, लेकिन प्रयास करते रहना ही असली जीत है।
हमारे प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग सिस्टम में बच्चों को बार-बार प्रयास करने, रिव्यू लेने और सुधारने के मौके मिलते हैं।
🔧 क्या करें:
बच्चों को “ग़लती करने की आज़ादी” दें।
उनके प्रयासों की तारीफ़ करें, केवल परिणाम की नहीं।
Emotional Intelligence & Empathy
🔹 7. नैतिकता और वैश्विक नागरिकता (Ethics & Global Citizenship)
सच्चे नागरिक वही होते हैं जो खुद के साथ-साथ समाज के लिए भी सोचें।
स्कूल में सामाजिक सेवा अभियान, पौधारोपण, और 'एक दिन बिना प्लास्टिक' जैसी गतिविधियाँ नियमित होती हैं।
🔧 घर में भी करें:
बच्चों को पर्यावरण, समानता और दया जैसे विषयों पर चर्चा के लिए प्रोत्साहित करें।
उन्हें स्थानीय मुद्दों से अवगत कराएं और हल की दिशा में सोचने को प्रेरित करें।

✨ निष्कर्ष:
हमारा लक्ष्य है — ऐसे बच्चे तैयार करना जो केवल सफल नहीं, बल्कि संवेदनशील, जागरूक और ज़िम्मेदार नागरिक बनें।
21वीं सदी की शिक्षा का मतलब सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं है। इसका मतलब है — सोचने, महसूस करने, सवाल करने, गढ़ने और ज़िम्मेदारी लेने की समझ पैदा करना। RK International School, Nabahi इस दिशा में लगातार कार्य कर रहा है।
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